शिद्दतें तो बहुत थी शिफा कि मगर मोक्ष के राह का मसीहा ना मिला | शिद्दतें तो बहुत थी शिफा कि मगर मोक्ष के राह का मसीहा ना मिला |
उस दिन वक़्त बतायेगा तुमको कितने नारंग थे हम क्यों कहता है ज़माना बेवफा थे तुम। उस दिन वक़्त बतायेगा तुमको कितने नारंग थे हम क्यों कहता है ज़माना बेवफा थे तुम।
विदेश भ्रमण और सामाजिक मीडिया पर स्टेट्स जम कर दिखाना विदेश भ्रमण और सामाजिक मीडिया पर स्टेट्स जम कर दिखाना
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
वाहवाही और झूठी शाबाशियों में गुम, मैं काबिल तो था पर शायद सयाना न था।। वाहवाही और झूठी शाबाशियों में गुम, मैं काबिल तो था पर शायद सयाना न था।।
मेरे भी जज्बात हैं, मेरे भी कुछ ख़्वाब हैं, मुंह मे जुबान रखती। मेरे भी जज्बात हैं, मेरे भी कुछ ख़्वाब हैं, मुंह मे जुबान रखती।